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मोहर्रम आते ही गूंजी सदा ए या हुसैन, ईरान के साथ मजबूती से खड़े हैं हुसैनी
दुलहीपुर। गम का महीना मोहर्रम शुरू हो गया। चंदौली के मुग़लसराय थानाक्षेत्र के दुलहीपुर स्थित शिया बस्ती में मोहर्रम का चांद दिखते ही मजलिस मातम का दौर शुरू हो गया। शुक्रवार एक मोहर्रम को पहली मजलिस इमामबाड़ा मोहम्मद अब्बास में हुई। जिसे खेताब फरमाते हुए मौलाना ने इमाम हुसैन और उनके घर वालों के करबाल पहुंचने का मंजर पेश किया। इसमें उन्होंने बताया किस तरह अच्छाई के रास्ते पर चलने वाले इमाम हुसैन ने बुराई के रास्ते पर चलने वालों को शहादत देकर शिकस्त दी। उन्होंने कहा आज ईरान भी वही कर रहा है। वो शहादतें पेश कर रहा है पर बुराई के रस्ते पर और बुराई का साथ देने के लिए तैयार नहीं है। शिया कौम का बच्चा बच्चा ईरान के साथ है।
आज की दूसरी मजलिस इमामबाड़ा हकीम साहब में हुई। इमामबाड़े में मजलिस के बाद अंजुमन सज्जादिया असगरीय ने नौहाख्वानी व मातम किया। इसके इमामबाड़ा आले मोहम्मद जाफिर में मजलिस का आयोजन हुआ। यहां की मजलिस के बाद बड़े दरवाजे में मजलिस हुई।
जिसमें मौलाना ने अमेरिका की जमकर मज्ज्मत की और कहा की इमाम हुसैन की शहादत की मिसाल देते हुए कहा ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनई साहब इमाम हुसैन के रस्ते पर चल रहे हैं। जो कभी भी तादात से नहीं डरे और उन्होंने हक़ का साथ दिया। ऐसे ही ईरान भी अमेरिका, उसकी फ़ौज और उसके साथियों से नहीं डरा। उसने अमेरिका के हमले का जवाब दिया। और बताया कि इमाम हुसैन को मानने वाला कभी बातिल के सामने झुकने वाला नहीं है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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