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डॉ राम बारोट, नगरसेवक, मालाड पुर्व, वार्ड क्र.४५ से संवादाता से बात चीत
आप नगरसेवक कब से है? राजनीति में क्युं आए? भाजपा से वैâसे जुड़े?
मैं ३० साल से नगरसेवक हूं. मैं सामान्य समाजसेवा के रुप में जाना जाता हुं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बचपन से ही जुड़ा हुं फिर मैं आरएसएस से भारतीय जनता पार्टी में एक कार्यकर्ता के रूप में शामिल हुआ. १९८० में वार्ड अध्यक्ष बना फिर भारतीय जनता पार्टी का नगरसेवक बना. १९९९ में उप महापौर बना, हेली एज्युकेशन, शिक्षण समिती सदस्य रहा. शिक्षण के मामले में आज वो शिक्षा नहीं रही जो हमारे जमाने में थी.
नगरसेवक की क्या भूमिका रहती है और नाम निर्देशित नगरसेवक की क्या भुमिका होती है?
नगरसेवक की भुमिका सामान्य और समाजसेवक की है. रोज का दरोज जो जीवन में हो चाहे मनपा से वार्ड क्षेत्र से जुड़ी सो यह सब नागरिकों का जीवन से जुड़ा सहायक सर्विस होती है. जन्म से लेकर मरन तक मनपा में समाज से जुड़ी सवाल-जवाब करना व नामनिर्देशित नगरसेवकों का काम महानगर पालिका में जो सभी नगरसेवकों का काम होता है. जैसे मनपा हाउस में बैठना लेकिन वो चुनाव नहीं कर सकते.
आपने अभी तक समाज से जुड़ी कोई आंदोलन या कोई मोर्चा किया या जनसुवधा कार्य?
ऐसे तो मैं मेरे वार्ड क्षेत्र के लिए कई सारे काम किए हैं. सबसे बड़ा गुटखा बंद आंदोलन जो १९९७ में किया जो अब तक महाराष्ट्र में पुरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है. लोगों को शिक्षा दिलाने का कार्य, गौशाला स्थापित किया, खादी के कपड़े पहनने के लिए लोगों को उत्साहित किया.
आने वाले चुनाव में क्या भाजपा की सरकार पुन्हा आएगी?
रामायण और महाभारत में शुद्ध राजनीति थी आज वो राजनीति नहीं है. फिर भी मेरा विश्वास है की भआरतीय जनता पार्टी पुâल फॉर्म में आएगी और पुन्हा भाजपा की सरकार बनेगी.
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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