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उसिया : (गाजीपुर) सेवराई तहसील क्षेत्र के उसिया गांव के क्यूईसी स्कूल ज्ञान परिसर में बृहस्पतिवार को भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह का पावन आयोजन किया गया. कार्यक्रम की राष्ट्रीय विशिष्टता के प्रसंगवश सर्वप्रथम राष्ट्रीय ध्वज को समारोह के मुख्य अतिथि के कर-कमलों से विभूषित अतिथियों, विशेष आमंत्रित अभ्यागतों, स्कूल के संकाय सदस्यों और छात्र-छात्राओं के बीच ध्वजारोहित किया गया, तत्पश्चात छात्रों के स्वरारोह में राष्ट्रीय-गान \'जन-गण-मन\' और देशभक्ति के शब्द कौतुक नारों का सस्वर और ओजपूर्ण पाठ हुआ।
कार्यक्रम का आरंभ क्यूईसी स्कूल उसिया के छात्र-छात्रा मोहम्मद जीशान और तलत क़मर के द्वारा पवित्र कुरआन-ए-पाक के सस्वर और शालीन पाठ से हुआ. कक्षा सात के मेधावी छात्र हन्नान जुल्करनैन ख़ां ने अल्पसंख्यक समाज की शैक्षिक बदहाली विषयक अपने ओजस्वी भाषण से उपस्थित अतिथियों और आमंत्रित अभ्यागतों का मन मोह लिया. स्वागत-अभिनंदन गीत का इक़रा ख़ातून, अनम ख़ातून, अरीबा ख़ातून, अल्फिया ख़ातून और फ़लक नाज़ ने गान किया. सिदरा ख़ातून और उनकी टीम ने नुक्कड़ नाटक के ज़रिए उपस्थित जनसमूह को जागरूकता के लिए प्रशस्त किया। क्यूईसी स्कूल उसिया के प्रबंधक और ट्रस्टी परवेज़ ख़ां ने अपने विस्तृत भाषण प्रकाश में मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, विशेष आमंत्रित अतिथियों, सम्मानित अभ्यागतों, शुभेच्छुओं, सहयोगियों के संक्षिप्त परिचयन के साथ गणतंत्र की महत्ता को अर्थपूर्ण बोधविस्तार दिया. क्यूईसी स्कूल उसिया का शैक्षिक दृष्टिकोण और उसके भविष्य में कार्ययोजन पर क्यूईसी स्कूल उसिया के समस्त संकाय सदस्यों और शिक्षकेत्तर सदस्यों की ओर से स्कूल के प्रिंसिपल आरिफ़ ख़ां ने अपने बीज वक्तव्य का सारगर्भित शब्द निवेश किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति (उत्तर प्रदेश) के संयोजक, देश के वरिष्ठ पत्रकार, जनवादी कवि, महत्वपूर्ण दस्तावेज़ी किताबों के लेखक, संपादक और लोकतंत्र सेनानी धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने अपने भावप्रवण संबोधन में कहा कि गणतंत्र के गणित और उसकी समस्त संख्याओं के विस्तार जैसे विस्तृत उसिया गांव के मूल निवासी, नाटककार, फ़िल्म संपादक, संवाद लेखक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कालजयी फ़िल्म अभिनेता नज़ीर हुसैन को भोजपुरी फ़िल्मों की स्मरणीय अभिनेयता और उसकी बेजोड़ अभिव्यक्ति के लिए उन्हें सदैव सम्मान के साथ याद किया जाना चाहिए. नज़ीर हुसैन को अवदानी के रूप में याद करने से अधिक आवश्यक है कि हम और आप उन्हें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में स्मरण करें. उन्होंने अपने संबोधन के विस्तार में कहा कि महान सेनानी बाबू कुंअर सिंह के दिवंगत होने की सूचना के बाद कमसार-ओ-बार इलाके के चैतन्य और प्रबुद्ध लोगों की उसिया स्थित महुआबारी में बड़ी जुटान हुई थी. इसमें सर्वसम्मति से स्वतंत्रता संग्राम में प्रतिभाग करने का निर्णय लिया गया था. उसिया की रचनात्मक धरती पर धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने अपने जीवन साहस के अभिनंदनीय साथी, लोकतंत्र सेनानी और उसिया गांव के मूल निवासी असलम ख़ां मरहूम को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद का एक मुख्यनारा रहा है: सस्ती शिक्षा-सबको शिक्षा, इसे अमली जामा पहनाने के लिए ज़रूरी है कि हम सभी लोग जहां है, वहीं से देश के माननीय प्रधानमंत्री को पत्र लिखें. मरहूम असलम ख़ां की आत्मा के लिए भी यह अप्रतिम श्रद्धांजलि होगी।
विशिष्ट अतिथि की पीठ पर उपस्थित दिलदार नगर के प्रख्यात चिकित्सक और साहित्य-कला-समाज की सरोकारी अभिरूचियों के प्रति जीवन भर प्रतिबद्ध रहे डॉ. सुधाकर पांडेय जी के अनुज सुरेंद्र पांडेय ने कहा कि क्यूईसी स्कूल उसिया की सक्षम शैक्षणिक सक्रियताओं की उर्वर अभिव्यक्ति हमें इसलिए भी ख़ुशी का मौक़ा दे रही है कि यहां जो कुछ भी शब्दपुष्प के रूप में मैं कह रहा हूं, ये संस्कार की तालीम और तालीम के संस्कार की उपज है. क्यूईसी स्कूल उसिया की इलाके की शिक्षा व्यवस्था में समावेशी उपस्थिति हमें शिक्षा की महत्ता के प्रति संवेदनशील बनाती है।
विशिष्ट अतिथि के बतौर उपस्थित उर्दू के वरिष्ठ पत्रकार, शायर और लेखक ख़ुर्शीद दिलदारनगरी ने कहा कि क्यूईसी स्कूल उसिया की रचनात्मक उत्सवधर्मिता और मील पत्थर रिजल्ट उसकी शानदार शराकत और मेहनत की पैदाकर्दगी है. ऐसे इदारे (संस्था) की स्थापना के लिए स्कूल के मैनेजर परवेज़ ख़ां और स्कूल के प्रिंसिपल आरिफ़ ख़ां काबिले मुबारकबाद हैं. शायर ख़ुर्शीद दिलदारनगरी ने अपनी शेरी वजाहतों से आम इंसान के संघर्ष को उम्मीद और उम्मीद को इंसाफ़ का भरोसा दिलाया। विशिष्ट अतिथि द्वय के बतौर दिलदार नगर में संगणकीय शिक्षा यानी कम्प्यूटर शिक्षा में अपनी सेवा भावना वाले श्रेष्ठ श्रम, सम्यक दृष्टि, दिग्दर्शी साधना और नियोजित विवेचना से सम्पन्न और विपन्न दोनों विद्यार्थी समागम को शिक्षित रूप में समागत बनाने वाले कम्प्यूटर शिक्षा के कुशल योद्धा इरफ़ान ख़ां सर ने शिक्षा, संस्कार, स्वास्थ्य के सुघड़ संपादन की फसल सफलता को संघर्ष के स्वास्थ्य हेतु आवश्यक बताया. उन्होंने गुणवत्तायुक्त शिक्षा, संस्कृति से लब्ध समाज और चेतना से संपन्न देश के विभिन्न विभूतिज्ञ विद्यार्थियों के सन्दर्भों से उपस्थित छात्रों में उर्जा भरी. उन्होंने क्यूईसी की शैली और उसकी अद्वितीय शैक्षिक उपस्थिति को निरंतर श्रम और रचनात्मक करते रहने की आधारशिला दी।
क्यूईसी स्कूल उसिया के गणतंत्र दिवस के पावन आयोजन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सर्वश्री धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव, सुरेन्द्र पांडेय, ख़ुर्शीद दिलदारनगरी, इरफ़ान ख़ां, तौसीफ़ गोया, फख़रे आलम ख़ां उर्फ़ अच्छे ख़ां, डॉ. इबरार ख़ां, क्यूईसी स्कूल उसिया की उपाचार्य आफ़रीं ख़ातून, क्यूईसी स्कूल उसिया के एडमिन मतलूब ख़ां, डॉ. परवेज़ आलम ख़ां और क्यूईसी के सर्ववरिष्ठ शिक्षक प्रभुनाथ गुप्ता को प्रतीक-चिन्ह, पुष्प-गुच्छ और अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। क्यूईसी स्कूल उसिया की उपाचार्य आफ़रीं ख़ातून ने गणराज्य में उपस्थित स्त्री समूह के लिए आवश्यक शिक्षा पर संक्षिप्त ज्ञान प्रकाश, क्यूईसी स्कूल उसिया की शिक्षा संस्कृति और आए हुए सभी सम्माननीय अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद् डॉ. इबरार ख़ां, कार्यक्रम का संचालन लेखक व विचारक तौसीफ़ गोया और कार्यक्रम के समापन की उद्घोषणा क्यूईसी स्कूल उसिया के प्रशासन और व्यवस्थापन प्रमुख (एडमिन) मतलूब ख़ां ने किया।इस अवसर पर उपस्थित लोगों में सर्वश्री तुफ़ैल अहमद ख़ां, हाजी अमानुल्लाह ख़ां, अहमद शमशाद, ऐनुल हक़ ख़ां दारोग़ा, कॉमरेड फैज़ ख़ां, सद्रेआलम ख़ां, शिशिर पांडेय, सपन, विशाल गुप्ता, हाजी जमाल ख़ां, निशात खान, निर्मल, आफ़ताब ख़ां, तुफ़ैल ख़ां जमींदार, लड्डन ख़ां, इर्शाद ख़ां, शाहनवाज़ अंसारी, डॉ. इमरान ख़ां, जुल्करनैन ख़ां और शाहिद ख़ां आदि प्रमुख थे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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