To view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 video
नईदिल्ली : केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की पहल पर यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया है ।प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी के अलावा असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, उड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी भाषाओं में तैयार किया जाएगा। इस निर्णय से लाखों इच्छुक उम्मीदवार अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा देने में सक्षम होंगे और उनके चयनित होने की संभावना बढ़ जाएगी।
कांस्टेबल जीडी कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है और देश भर से लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 1 जनवरी 2024 से 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्रीय गृह मंत्रालय क्षेत्रीय भाषाओं के प्रयोग और विकास को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक अहम फैसला लेते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा आयोजित करने की मंजूरी दे दी है. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की पहल पर यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया है.
प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी के अलावा निम्नलिखित 13 क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया जाएगा: असमिया,बंगाली,गुजराती,मराठी,मलयालम,कन्नडा,तामिल,तेलुगू,उड़िया,उर्दू,पंजाबी,मणिपुरी,कोंकणी ,
इस निर्णय से लाखों इच्छुक उम्मीदवार अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा देने में सक्षम होंगे और उनके चयनित होने की संभावना बढ़ जाएगी। गृह मंत्रालय और कर्मचारी चयन आयोग विभिन्न भारतीय भाषाओं में परीक्षाओं के संचालन की सुविधा के लिए मौजूदा समझौता ज्ञापन पर एक परिशिष्ट पर हस्ताक्षर करेंगे।
कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है और देश भर से लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा को देने के इच्छुक हैं। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 1 जनवरी 2024 से 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित की जाएगी।
स्थानीय युवाओं को अपनी मातृभाषा में आने और बड़ी संख्या में देश की सेवा करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों द्वारा एक व्यापक अभियान शुरू करने की उम्मीद है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, गृह मंत्रालय क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग और विकास को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
0 followers
0 Subscribers