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मोदी जी की भाषा हार स्वीकार कर लेने वाली है
फतेहपुर सीकरी/ आगरा : कमज़ोर तबकों के सामने संविधान बचाने का आख़िरी मौक़ा है. दलितों और मुसलमानों का गठबंधन के पक्ष में ज़बरदस्त माहौल है. भाजपा दूसरे चरण के बाद ही हार मान चुकी है. ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 142 वीं कड़ी में कहीं.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी जी अपने दस साल के विकास कार्यों के नाम पर वोट मांगने का साहस नहीं दिखा पा रहे हैं. वो आज भी झूठ और नफ़रत के भरोसे चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा ने स्वीकार कर लिया है कि दस सालों तक उसने विकास के प्रचार पर जो अरबों रुपया फूँका वो बर्बाद गया है.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता अब चट्टी चौराहों पर सरकार के दावों को डिफेंड नहीं कर पा रहे हैं. आम लोग उन्हें घेरने लगे हैं जिसके चलते अंधभक्तों की संख्या में भी भारी गिरावट आयी है. जिससे भाजपा अंदर से डर गयी है और उसके नेताओं की भाषा में बौखलाहट बढ़ती जा रही है. इसीलिए उनकी भाषा अमर्यादित होती जा रही है. यह हार स्वीकार कर लेने के लक्षण हैं।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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