To view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 video
*शिक्षा के बिना शिक्षक अधूरा है ,और शिक्षक के बिना शिक्षा अधूरा* नीलम सिंह*
"आप सभी लोगों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं " नीलम सिंह
कुशीनगर। शिक्षा और शिक्षक एक दूसरे के पूरक है। शिक्षा के बिना शिक्षक अधूरा है ,और शिक्षक के बिना शिक्षा अधूरा है। बिना शिक्षक के हम अच्छी शिक्षा कभी नहीं प्राप्त कर सकते। क्योंकि शिक्षक ही समाज की वह तीसरी आंख है जो अपने विद्यार्थियों के अंदर की उसकी अच्छाइयों तथा उसकी बुराइयों को देखता है। एक शिक्षक के ऊपर माता-पिता से भी ज्यादा एक साथ हजारों बच्चों की जिम्मेदारी होती है। माता-पिता तो अपने बच्चों को अच्छी परवरिश ,अच्छी से अच्छी व्यवस्थाएं देने में ध्यान देते हैं। लेकिन एक शिक्षक ही होता है जो अपने विद्यार्थियों के अंदर छीपी उसकी प्रतिभा को निखार कर पूरी दुनिया के सामने लाता है। एक शिक्षक ही होता है, जो दूसरों के बच्चों को भी अपने बच्चे जैसा सम्मान देकर लोगों को भीड़ में पुकार सकता है। एक शिक्षक ही है जो अपने विद्यार्थियों को कठिन से कठिन मुश्किलों का सामना करना, , तथा जिंदगी की ऊंचाइयों उड़ान भरने का ज्ञान देता है। लोग कहते हैं व्यक्ति का सबसे बड़ा शिक्षक उसका विपरीत परिस्थितियां तथा जिंदगी का अनुभव होता है। पर लोग ये भूल जाते हैं उस विपरीत परिस्थितियों का सामना करना , और जीवन में अपने अनुभव को महसूस करने का ज्ञान शिक्षा ही देता है। और ये शिक्षा ,शिक्षक से ही मिलता है।
पर आज का समाज शिक्षा और शिक्षक दोनों का दुरुपयोग कर रहा है। जो शिक्षक सरकार से जुड़कर काम कर रहे हैं ।वो बस सरकार के लिए काम कर रहा है। और एक निजी विद्यालय का शिक्षक , अभिभावकों के हिसाब पढ़ा रहा है। आज के समय में शिक्षक कुछ लोगों के लिए नौकर जैसा बन गया है। पहले शिक्षक माता ~पिता और बच्चों के आदर्श और सम्मान होते थे। वहीं आज के समय में शिक्षक स्कूल के सर और मैम रह गए हैं।
शिक्षक समाज की वह तीसरी आंख है जो , जो बुरी से बुराइयों और अच्छी से अच्छी अच्छाइयों को देखता है। पर हमारा समाज इसी तीसरी आंख को सही गलत बताते हैं। पर मां - बाप की मूरत है गुरु, कलयुग में भगवान की सूरत है गुरु।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
0 followers
0 Subscribers