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सेवराई/गाजीपुर : तहसील क्षेत्र के भदौरा ब्लाक अंतर्गत बारा गांव में बने गौशाला पशुओं के लिए मरण स्थल बन गया है। यहां पशुओं के रखरखाव के लिए केयरटेकर के रूप में कर्मचारियों की तैनाती होने की बावजूद भी पशुओं के करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
प्रदेश सरकार जहां गोवंश को बचाने के लिए ग्राम पंचायतों के माध्यम से गौशाला बनवा कर और उनकी देख रेख के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, तो कहीं ग्राम पंचायत प्रधान व उनके सचिव की अनदेखी के कारण गौशाला में कैद गोवंश भूख और प्यास के अलावा बीमारी के कारण तड़प तड़प काल के गाल में समा रहे है। वहीं गौशाला में मौजूद केयरटेकर मरणासन्न गोवंशों को मरने के लिए एक अलग कमरे में मरने तक छोड़ देते हैं।
यह पूरा मामला जनपद गाजीपुर के ग्राम पंचायत बारा का है। यहां ग्राम प्रधान आजाद खान एवं उनके सचिव कमलकांत सिंह की देखरेख में गौशाला का संचालन किया जा रहा है। गौशाला में ना तो हरे चारे का प्रबंध है और ना ही साफ पानी का। यहां तक बीमार गायों को देखने के लिए कोई भी उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते बारा गांव स्थित गौशाला राम भरोसे चल रहा है।
आपको बता दें इस गौशाला में अभी तक करीब 50 गौवंश मौजूद बता जा रहे थे। गौशाला में केयरटेकर की देखरेख की करें तो गौशाला में गायों की देखने के लिए 2 केयरटेकर रखे गए हैं, तो वही स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर पशु मित्र से चिकित्सकिय सुविधा ली जाती है। लेकिन मौके पर गौशाला पहुंच कर हकीकत का जायजा लिया तो देखा कि मौके पर 2 गाय एक अलग कमरे में रखा गया है। जहां वह मरणासन्न अवस्था मे पड़ी हुई थी।
गौशाला में तैनात केयरटेकरो को 6000 मासिक वेतनमान पर रखा गया है, जो लगातार इन गायों की देखरेख कर रहे हैं। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि बड़े गोवंश छोटे गोवंशों को मारकर चोटिल कर देते है। ऐसे में उन्हें बड़े गोवंशों से अलग रखना पड़ता है। जिससे उनका समुचित इलाज हो सके।
इस सम्बन्ध में खण्ड विकास अधिकारी भदौरा के के सिंह ने बताया कि गौशाला में गोवंशों के नियमित देखभाल और खान पान के लिए कर्मचारियों की तैनाती की गई है। अगर कार्य मे लापरवाही मिलती है तो जांचोपरांत सम्बंधित पर आवश्यक कार्यवाई की जाएगी।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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